दोस्तों, काफी समय पहले मेरा लिखा एक लेख " हमें अपने चरित्र का निर्माण करना चाहिए" जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित हुआ था. यह लेख ही नहीं मेरे विचारों का आईना भी है और यह लेख मेरे जीवन का आर्दश भी रहा है. आप भी पढ़ें और अपने विचारों से अवगत करवाएं.
दोस्ती शब्द से ही एक पवित्र रिश्ते का एहसास होता है अगर आप दोस्ती के वास्तविक अर्थ से अवगत है और अपनी दोस्ती को पूरे विश्वास,निष्ठां व वफादारी से निभाने की क्षमता रखते हैं तब ही आपको दोस्ती के लिए अपने हाथ बढ़ाने चाहिए.वरना यह कहकर संतोष कर लीजिए कि-"दुनिया में राज-ए-दिल,दोस्ती करते तो हम किससे.मिलते ही नहीं,जहाँ में हमारे ख्याल के" आपके लिए यह ब्लॉग "सच्चा दोस्त" एक "पवित्र दोस्ती" का दायरा बढ़ाने की कोशिश के साथ ही अच्छे व बुरे अनुभवों को व्यक्त करता है.
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आईये! हम अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी में टिप्पणी लिखकर भारत माता की शान बढ़ाये.अगर आपको हिंदी में विचार/टिप्पणी/लेख लिखने में परेशानी हो रही हो. तब नीचे दिए बॉक्स में रोमन लिपि में लिखकर स्पेस दें. फिर आपका वो शब्द हिंदी में बदल जाएगा. उदाहरण के तौर पर-tirthnkar mahavir लिखें और स्पेस दें आपका यह शब्द "तीर्थंकर महावीर" में बदल जायेगा. कृपया "सच्चा दोस्त" ब्लॉग पर विचार/टिप्पणी/लेख हिंदी में ही लिखें.
मंगलवार, जुलाई 17, 2012
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